67वां नेशनल अवार्डस : तीसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बने मनोज बाजपेयी

रायपुर। बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी और उनके फैंस के लिए खुशखबरी है। दिग्गज अभिनेता को एक बार फिर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। मनोज बाजपेयी को यह राष्ट्रीय पुरस्कार फिल्म 'भोंसले' के लिए मिला है। सोमवार को 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा की गई। मनोज बाजपेयी के साथ साउथ सिनेमा के अभिनेता धनुष को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। मनोज बाजपेयी को यह पुरस्कार तीसरी बार मिला है। इससे पहले उन्हें साल 2000 में रिलीज हुई फिल्‍म 'सत्‍या' के लिए सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार और साल 2005 में आई फिल्‍म 'पिंजर' के लिए स्‍पेशल जूरी के पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया था। मनोज बाजपेयी की इस उपलब्‍धि से उनके फैंस सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। वहीं बात करें फिल्म 'भोंसले' की तो इसकी कहानी प्रवासी और स्थानीय लोगों के बीच पनपते प्यार और नफरत को बयां करती है। फिल्म की कहानी की शुरुआत महाराष्ट्र के सबसे बड़े त्यौहार गणेश चतुर्थी से शुरू होती है।

फिल्म की कहानी खत्म भी इसके विसर्जन पर होती है। फिल्‍म में मनोज बाजपेयी के किरदार का नाम भोंसले है, जो कि पुलिस डिपार्टमेंट में काम करता है। वह अपनी नौकरी से रिटायर्ट होने वाला है। भोंसले को दुनिया से कोई मतलब नहीं है और अपनी निराश जिंदगी में खुश होता है। वहीं उसकी चॉल में रहने वाला एक ड्राइवर विलास (संतोष) बिहारियों के खिलाफ लोगों को भड़काता है। बिहार की निवासी सीता (इप्शिता) उसी चॉल में अपने भाई लालू (वैभव) के साथ रहती है। दोनों बहन-भाई भोंसले से अचानक एक रिश्ते से जुड़ जाते हैं। ऐसी परिस्थितियां आती हैं कि सीता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं साउथ सिनेमा के अभिनेता धनुष को फिल्‍म 'असुरन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। बात करें 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की तो कोरोना वायरस की महामारी की वजह से पुरस्कार समारोह लगभग सालभर देर से हो रहा है। आम तौर पर नेशनल फिल्म समारोह का आयोजन 3 मई को किया जाता है, मगर कोरोना महामारी की वजह से आयोजन टाल दिया गया था। दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में विजेताओं के नामों का एलान किया गया। फीचर फिल्म केटेगरी में 461 और नॉन फीचर फिल्म केटेगरी में 220 फिल्मों को शामिल किया गया।