रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की ओर से लागू की गई नई औद्योगिक नीति निवेशकों को लुभा रही है। पिछले दो साल में प्रदेश में 1207 नए उद्योगों की स्थापना हुई है। राज्य में इन उद्योगों के माध्यम से 16 हजार 897 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है। इसमें 22 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है। इसी तरह इस दौरान मेगा औद्योगिक परियोजनाओं के लिए कुल 104 एमओयू किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पूंजी निवेश 42 हजार 714.48 करोड़ रुपए है। इसके माध्यम से करीब 65 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।राज्य सरकार ने पिछड़े व अति पिछड़े क्षेत्रों में वनोपज, हर्बल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में वनांचल उद्योग पैकेज घोषित किया है। इकाईयों को अधिकतम 2.50 करोड़ रुपए का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के साथ-साथ नेट एसजीएसटी सहित औद्योगिक नीति में घोषित सभी अनुदान दिया जा रहा है। इसी तरह किसानों की आय को बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक विकासखंड में फूडपार्क की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 146 विकासखंडों में से 110 विकासखंडों में नवीन फूडपार्क की स्थापना भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन की अवधि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2024 तक कर दिया गया है।
साथ ही राज्य शासन की ओर से 5 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों से एमओयू भी किए गए है। इसमें दो इकाईयां उत्पादन में आ चुकी है। इनके माध्यम से राज्य में 283 करोड़ रुपए का निवेश और 2434 रोजगार प्रस्तावित है। इसके अलावा बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज आधारित 15 इकाइयों की स्थापना के लिए एमओयू के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनके माध्यम से 74 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश और1049 रोजगार प्रस्तावित है। किसानों को स्थानीय स्तर पर उनकी उपज का संपूर्ण मूल्य दिलवाने के लिए धान और गन्ने पर आधारित जैर्व इंधन-एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज जारी किया गया है। राज्य में अतिरिक्त धान से उत्पादित व शक्कर कारखानों के उत्पाद से बने एथेनॉल के लिए स्थापित इकाइयों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी के तहत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए कच्चे माल की खरीदी समर्थन मूल्य पर करना आवश्यक होगा। राज्य में एथेनॉल प्लांट के लिए 8 इकाइयों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें से 5 निवेशकों की ओर से एमओयू कर लिया गया है। इसके माध्यम से 647 करोड़ रुपए का निवेश व 683 रोजगार प्रस्तावित है। राज्य सरकार की पहल पर भारत सरकार द्वारा देश में मक्का से एथेनॉल (बायो-फ्यूल) बनाने की अनुमति भी जारी की गई है।